सस्ते कर्ज का दौर क्या अब खत्म होगा? RBI अगले 6 महीने में बढ़ा सकता है ब्याज दरें, एक्सपर्ट की राय
RBI repo rate hike: अर्थशास्त्री मानते हैं कि आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला दूसरी छमाही की पॉलिसी (जून-जुलाई 2022) से पहले होने की उम्मीद नहीं है. जहां तक महंगाई की बात है, तो इसमें अपसाइड रहेगा.
ग्लोबल लेवल पर महंगाई (Inflation) को लेकर चिंता है. कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही हैं और सप्लाई शॉर्टेज है. वहीं, नया कोरोनावायरस वैरिएंट को लेकर अनिश्चितता है. बावजूद इसके अब सिस्टम में एक्सेस लिक्विडिटी है. सेंट्रल बैंकों की ओर से लिक्विडिटी नॉर्मलाइजेशन के कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, महंगाई की बढ़ती चिंता को देखते हुए ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर शुरू होने वाला है. यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने 2022 में तीन किस्तों में ब्याज दरें बढ़ाने की बात कही है. यूएस में महंगाई फेड के अनुमान से काफी ज्यादा है. दूसरी ओर, भारत में भी महंगाई दर में लगातार इजाफा है. अर्थशास्त्री मानते हैं कि आने वाले 6 महीनों में रेपो रेट में बढ़ोतरी शुरू हो सकती है. हालांकि, ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.
फरवरी में बढ़ सकता है रिवर्स रेपो रेट
HDFC बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट अभीक बरुआ का कहना है कि यूएस फेड ने अगले साल ब्याज दरें तीन किस्तों में बढ़ाने की बात कही है. यूएस इकोनॉमी में महंगाई दर फेड के अनुमान से काफी ज्यादा है. वहीं, भारतीय इकोनॉमी में भी महंगाई दर अपसाइड में है. लिक्विडिटी काफी है. रिजर्व बैंक की तरफ से सिस्टम में एक्सेस लिक्विडिटी को कम करने की कोशिश की गई हैं. G-sec को सस्पेंड कर दिया गया. इसके अलावा रिजर्व बैंक अपनी तरफ से कई अन्य दूसरे कदम उठा रहा है.
बरुआ का कहना है कि अब जहां तक बात ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है, तो रिजर्व बैंक सबसे पहले रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला करेगा. फरवरी 2022 की पॉलिसी रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. उसके बाद रेपो रेट में बढ़ोतरी होगी. आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला दूसरी छमाही की पॉलिसी (जून-जुलाई 2022) से पहले होने की उम्मीद नहीं है. जहां तक महंगाई की बात है, तो इसमें अपसाइड रहेगा. कुछ हद तक सप्लाई शॉर्टेज भी इसके लिए जिम्मेदार है.
4-6 महीने में बढ़ेगा रेपो रेट
TRENDING NOW
नाइट फ्रेंक इंडिया की चीफ इकोनॉमिस्ट रजनी सिन्हा का कहना है कि अमेरिकी इकोनॉमी में महंगाई दर काफी ज्यादा है. साल की आखिरी मीटिंग में फेड ने टेम्परिंग प्लान की बात कही है. 2022 में तीन किस्तों में ब्याज दरें बढ़ाई जाएंगी. भारत में रिजर्व बैंक का रुख पिछली मीटिंग में काफी नरम रहा. इसकी अहम वजह नए कोविड वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर चिंता और अनिश्चितता रही. ओमिक्रॉन की स्थिति कैसी रहती है, इसके आधार पर उम्मीद है कि रिजर्व बैंक नॉर्मलाइजेशन प्लान लेकर आएगा. एक्सेस लिक्विडिटी को कम करने के लिए VRRR ऑक्शन बढ़ाने और G-SAP को सस्पेंड करने जैसे कदमों के जरिए आरबीआई नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू कर चुका है.
रजनी सिन्हा का कहना है, खुदरा महंगाई दर आरबीआई के कम्फर्ट जोन है, लेकिन इसका दबाव बढ़ा है. ग्लोबल लेवल पर महंगाई को लेकर चिंता है क्योंकि कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही हैं और सप्लाई की दिक्कतें बनी हुई है. इकोनॉमिक ग्रोथ को सुधारने के साथ-साथ डिमांड साइड महंगाई को लेकर भी चिंता है, जो कि आने वाले महीनों में बढ़ेगी. जहां तक रेपो रेट में बढ़ोतरी की बात है, रिजर्व बैंक अगले 4-6 महीने में ब्याज दरों में इजाफा करेगा. हालांकि, यह इकोनॉमिक ग्रोथ की चाल पर निर्भर करेगा
ग्रोथ पर टिका है मॉनिटरी एक्शन
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की लीड इकोनॉमिस्ट माधवी अरोड़ा का कहना है कि महंगाई दर का एवरेज 5.4-5.5% (+ -) है. यह रिजर्व बैंक के अनुमान से उपर है. मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी में महंगाई को लेकर असहमति रह सकती है. हालांकि, अभी कुछ समय तक महंगाई में बढ़ोतरी को रिजर्व बैंक डाइजस्ट कर सकता है. मॉनिटरी एक्शन फिलहाल ग्रोथ कैसी रहती है, उस पर टिका हुआ है. फिलहाल आरबीआई का फोकस लिक्विडिटी को नॉर्मल करने के उपायों पर है. मार्केट को देखते हुए आरबीआई संभलकर कदम उठाएगा. लिक्विडिटी को कम करने के लिए किसी बड़े इंस्ट्रूमेंट का फिलहाल इस्तेमाल नहीं दिख रहा है.
Zee Business Hindi Live यहां देखें
a
खुदरा महंगाई दर नवंबर में बढ़ी
फूड आइटम्स की कीमतों में बढ़ोतरी से नवंबर में खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ. खुदरा महंगाई दर नवंबर महीने में मामूली बढ़कर 4.91 फीसदी पर पहुंच गई. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित (CPI) महंगाई दर इस साल अक्टूबर में 4.48 फीसदी और नवंबर, 2020 में 6.93 फीसदी थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल नवंबर महीने में खाने-पीने की महंगाई दर 1.87 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने में 0.85 फीसदी थी.
FY22 में महंगाई दर 5.3% रहने का अनुमान
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने 8 दिसंबर को मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू में कहा कि CPI इनफ्लेशन में नरमी आई है. डिमांड आउटलुक में सुधार हो रहा है. केंद्रीय बैंक ने FY22 के लिए खुदरा महंगाई दर (CPI) का अनुमान 5.3 फीसदी कर दिया है. वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के लिए महंगाई दर का अनुमान 5.1 फीसदी और चौथी तिमाही के लिए 5.7 फीसदी है. वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.3 फीसदी और दूसरी तिमाही में 5 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं, RBI ने FY22 में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है. यह 9.5 फीसदी पर बरकार रहेगी.
06:42 PM IST